बिजली की बढ़ती मांग के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग किसी चुनौती से कम नहीं है। ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने मंथन-2022 में वितरण कंपनियों के तकनीकी सत्र में कहा कि लंबे वक्त वाहनों की चार्जिंग से बिजली की मांग बढ़ी है। यह वितरण कंपनी के लिए चुनौती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में विद्युत अनियमितता के प्रकरण सामने आ रहे हैं, जिन्हें विद्युत वितरण कंपनियों के मैदानी अभियंताओं को नजर रखनी होगी। उन्होंने नए मीटर कनेक्शन बिना देरी सात दिन के भीतर देने के निर्देश दिए।
मंथन का दूसरा दिन
मंथन के दूसरे दिन तरंग प्रेक्षागृह में मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने अपने प्रजेंटेशन में ज्यादा सकल तकनीकी व वाणिज्यिक हानि, वार्षिक राजस्व आवश्यकता व राजस्व प्राप्तियों में अंतर, सब्सिडी पर ज्यादा निर्भरता, मिश्रित फीडर, इनर्जी अकाउंटिंग, बिजली चोरी, हुकिंग, मीटरों से छेड़छाड़ और ओवरलोड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों को विद्युत वितरण कंपनियों बड़ी समस्या बताया। इस दौरान प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की सफलताओं, चुनौतियों और भविष्य की कार्य योजनाओं पर उनके प्रबंध संचालकों व अभियंताओं द्वारा विस्तार से संवाद किया गया।
लक्ष्य निर्धारित करने का प्रजेंटेशन
ऊर्जा सचिव व एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल ने वितरण कंपनियों के लक्ष्य निर्धारित करने का प्रजेंटेशन दिया। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अमित तोमर, आनलाइन जुड़े मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष रेजी पिल्लई, इजाय साफ्ट के अलफ्रेड मनोहर और तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के एक-एक अधीक्षण अभियंता ने अपने अनुभव साझा किए।
स्मार्ट मीटर और डीबीटी से सुलझेंगी डिस्ट्रीब्यूशन की समस्याएं
प्रमुख सचिव ने कहा कि स्मार्ट मीटर और डीबीटी (सब्सिडी का डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) होने से प्रदेश के डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर की समस्याएं काफी हद तक सुलझेंगी। उन्होंने प्रदर्शन आधारित फंडिंग, प्रीपेड मीटरिंग, विद्युत आधारित घरेलू उपकरणों का ज्यादा उपयोग व किसानों द्वारा तीसरी फसल लेने को विद्युत कंपनियों के लिए आने वाले दिनों और अधिक दिक्कत आने की संभावना जाहिर की। वितरण कंपनियों से उन्होंने ओवरलोडेड व खराब ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदलने और उनके स्थान पर उधा क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित करने को कहा। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन व कालसेंटर की शिकायतों का त्वरित समाधान जरूरी है।
स्मार्ट ग्रिड और स्मार्ट मीटर का उपयोग हो
इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष रेजी पिल्लई ने कहा कि ओडिशा की तरह सभी प्रकार की हानियों को नियंत्रित कर के विद्युत वितरण कंपनियां लाभ में आ सकती हैं। वर्तमान समय की मांग है कि नई तकनीक जैसे स्मार्ट ग्रिड व स्मार्ट मीटर का उपयोग किया जाए। अलफ्रेड मनोहर ने मीटरिंग व बिलिंग पर प्रजेंटेशन दिया। कटनी के अधीक्षण अभियंता संजय अरोरा, मध्यक्षेत्र कंपनी के महाप्रबंधक आरएनएस ठाकुर और पश्चिम क्षेत्र कंपनी के अधीक्षण अभियंता अनिल नेगी ने मैदानी क्षेत्र के अपने अनुभवों से मंथन के प्रतिभागियों को अवगत कराया।