परिवारवाद को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह बिलकुल ठीक है। राजनीति में परिवार का एक ही सदस्य काफी है। सभी लोगों को मौका मिलना चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान के बाद उनके बेटे महान आर्यमन के राजनीति में आने की संभावनाओं पर फिलहाल विराम लग गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह बात गुरुवार को ग्वालियर प्रवास के दौरान मीडिया से कही। उन्होंने कहा कि पिछले करीब 30 वर्षों से सिंधिया परिवार का एक सदस्य ही राजनीति में रहा है। यह सिंधिया परिवार की परंपरा भी है। उन्होंने कहा कि सभी को राजनीति में आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया और पिता माधवराव सिंधिया अलग-अलग दलों से राजनीति में थे। राजमाता ने अपना आखिरी चुनाव 1998 में गुना लोकसभा सीट से लड़ा था। इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से वे चुनाव नहीं लड़ीं। माधवराव सिंधिया का निधन 2001 में हुआ था, तब वे गुना संसदीय क्षेत्र से सांसद थे। तबसे सिंधिया परिवार से ज्योतिरादित्य ही सक्रिय राजनीति में हैं।
उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिन के प्रवास पर गुरुवार को ग्वालियर आए हैं। दोपहर को उन्होंने महल में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। सिंधिया से मिलने वालों में नगरीय निकाय चुनाव में भाग लेने वालों की संख्या अधिक थी। उन्होंने यह भी कहा कि ढाई हजार बायोडाटा आए हैं लेकिन टिकट पार्टी के लिए काम करने वालों को ही मिलेगा।