गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक बड़ा उठाते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को गन्ने का भाव 305 रुपये प्रति क्विंटल (FRP) तय किया। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को अक्टूबर 2022 से शुरू होने वाले अगले खरीद वर्ष के लिए गन्ने का भाव 15 रुपये बढ़ाकर 305 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। कैबिनेट बैठक में गन्ने की एफआरपी यानी उचित व लाभकारी मूल्य (Fair Remunerative Price) बढ़ाने पर फैसला लिया गया।
क्या है एफआरपी?
एफआरपी वह न्यूनतम रेट होता है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत एफआरपी तय करती है। एफआरपी में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का कैबिनेट नोट पहले ही जारी कर दिया गया था।
पहले गन्ने का भाव (FRP) 290 रुपये प्रति क्विंटल था जो अब बढ़ाकर 305 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सरकार ने पिछले आठ वर्षों में एफआरपी में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। इससे देश भर में 5 करोड़ गन्ना किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा।
गन्ना पेराई का मौसम आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर में शुरू होता है और अप्रैल के मध्य तक जारी रहता है। गन्ने का भाव बढ़ाने के साथ ही केंद्र ने अतिरिक्त 12 लाख टन (एमटी) चीनी निर्यात की अनुमति दी है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सितंबर 2022 को समाप्त होने वाले मौजूदा सीजन में अनुमानित घरेलू उत्पादन से अधिक उत्पादन हुआ है। हालांकि इस पर अभी सरकार के नोटिफिकेशन का इंतजार है।