वैदिक शास्त्र के अनुसार चंद्रमा और बुध का मनुष्यों के एकाग्रता से सीधा संबंध है। चंद्र मन को प्रभावित करता है और बुध ग्रह मस्तिष्क को। बच्चों के पढ़ाई में कमजोर होने के पीछे इन ग्रहों को जिम्मेदार माना जाता है। इनका दोष शैक्षणिक स्तर के साथ करियर में असफलता का कारण बनता है।
कब दिक्कत देता है बुध
बुध ग्रह जब जन्म कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में विराजमान हों। इन पर बृहस्पति की दृष्टि पड़े तो शिक्षा में काफी परेशानियां आती हैं। अगर शिक्षा के ग्रह की कुंडली में पीड़ित है, तो पढ़ाई में बच्चों का पिछड़ना तय है।
चंद्रमा कब बनता है रुकावट
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांद का शिक्षा के साथ खास संबंध है। मान्यता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा पीड़ित है। तब उसे शिक्षा के क्षेत्र में संघर्ष करना पड़चा है। हालांकि जन्म कुंडली में चंद्रमा पर देव गुरु की नजर हो तो परिणाम बुरे नहीं होते हैं।
इस ग्रह के कमजोर होने से नहीं लगता पढ़ाई में मन
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