भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र में लगातार दूसरे दिन भी पोषण आहार मुद्दे पर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक दल की ओर से स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग को लेकर नारेबाजी की गई। जबकि, सरकार को स्पष्ट पक्ष था कि जब इस विषय पर एक दिन पूर्व अवसर दिया जा चुका है तो फिर दोबारा चर्चा का कोई औचित्य नहीं है। इस बीच भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने आसंदी के समक्ष आकर अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग। उन्होंने कांग्रेस के विधायकों पर हाथापाई करने का आरोप लगाया। उनके समर्थन में सत्तारूढ़ दल के विधायक भी आसंदी के समक्ष आ गए और पहले दस मिनट और फिर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पूरा प्रश्नकाल स्थगित कर दिया। भारी शोर-शराबे के बीच सभी विधेयक बिना चर्चा पारित हो गए और फिर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। उधर, सदन के बाहर कांग्रेस के विधायक पांचीलाल मेड़ा बुधवार को हुए घटनाक्रम का मीडिया के सामने जिक्र करते वक्त फूट-फूटकर रो पड़े।
आमने-सामने आए कांग्रेस-भाजपा के विधायक
विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही कांग्रेस और भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए। पहले पूरक पोषण आहार और फिर आदिवासी विधायक पांचीलाल मेड़ा के अपमान का मुद्दा कांग्रेस ने उठाया। नेता प्रतिपक्ष डा.गोविन्द सिंह ने कहा कि पोषण आहार के विषय पर दल की ओर से जो स्थगन प्रस्ताव दिया था, उस पर चर्चा कराई जाए। इसका आश्वासन भी अध्यक्ष की ओर से दिया गया था लेकिन संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बुधवार को भरपूर अवसर दिया गया पर कांग्रेस चर्चा ही नहीं करना चाहती है। सभी तथ्य सामने आ चुके हैं, इसलिए इस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती है। इसको लेकर कांग्रेस के विधायकों ने आसंदी के समक्ष आकर नारेबाजी की। इस बीच भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने आसंदी के समक्ष आकर अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उनके साथ एक-एक करके भाजपा सदस्य भी एकत्र हो गए और कांग्रेस के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। यह सिलसिला पूरे समय चलता रहा।
विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
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