भोपाल)। आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन पर विशेष ध्यान दे रही है। दूसरे प्रदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए पर्यटन स्थल तलाश किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पर्यटन बोर्ड नर्मदा नदी में दो स्थानों पर क्रूज चलाने की तैयारी कर रहा है। पर्यटन विभाग के मैदानी अधिकारियों को ऐसे स्थानों का चयन कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग के एक माह में कू्रज शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से एक क्रूज महेश्वर से मंडलेश्वर और दूसरी बड़वानी से सरदार सरोवर बांध तक चलाई जा सकती है। प्रदेश, देश और विदेशी पर्यटकों की आवाजाही के कारण महेश्वर को चुना जा सकता है।
मध्य प्रदेश किसी भी ओर से समुद्र तल से जुड़ा नहीं है। इसलिए यहां क्रूज के प्रति पर्यटकों में आकर्षण देखा जा रहा है। वर्तमान में भोपाल के बड़े तालाब, नर्मदापुरम के तवा बांध, बरगी में दो, गांधीसागर और खंडवा के हनुमंतिया टापू पर कू्रज चलाए जा रहे हैं, जिन्हें पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं। इसे देखते हुए पर्यटन बोर्ड नर्मदा नदी में दो और क्रूज शुरू करने की कोशिशों में जुट गया है। बोर्ड ने मैदानी अधिकारियों से प्रस्ताव मांग लिया है और मार्च माह में दोनों स्थानों पर क्रूज शुरू करने का लक्ष्य भी रख दिया है। जिसे देखते हुए ताबड़तोड़ तैयारी की जा रही है।
ऐसे स्थान चुनें, जहां पर्यटक ज्यादा आएं
मैदानी अधिकारियों से कहा गया है कि क्रूज चलाने के लिए ऐसे स्थानों को चुना जाए, जहां नियमित रूप से पर्यटक आते हों। इनमें देश के दूसरे प्रदेशों और विदेशी पर्यटक भी हों। ताकि क्रूज चलाना घाटे का सौदा न हो जाए। वहीं ऐसे स्थानों के आसपास के क्षेत्र भी पर्यटन के लिए मुफीद हो। ताकि यहां तक आने वाला पर्यटक अन्य स्थानों पर भी घूमे।
कलेक्टरों के माध्यम से आएगा प्रस्ताव
कू्रज कहां चलानी है, जिला स्तर पर अंतिम निर्णय कलेक्टर लेंगे और बोर्ड को प्रस्ताव भी कलेक्टर ही भेजेंगे। इसके लिए बोर्ड मंजूरी देगा और फिर क्रूज का संचालन शुरू हो जाएगा।
जल परिवहन पर नहीं हो पाया काम
राज्य सरकार अब तक जल परिवहन पर काम शुरू नहीं कर पाई है। वर्ष 2017 में ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा” के दौरान बड़वानी जिले के ग्राम मोहीपुरा में नर्मदा तट पर आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि प्रदेश की 30 प्रतिशत आबादी नर्मदा नदी के किनारे बसती है। इसलिए नर्मदा नदी की सौ किलो मीटर की परिधि में जल परिवहन शुरू किया जाएगा।