विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद बीजेपी चार राज्यों में सरकार के गठन की तैयारी में जुट गई है। बीजेपी संसदीय बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक (Central Observers) और सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। पर्यवेक्षकों की लिस्ट में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम भी शामिल हैं। दरअसल यूपी के अलावा बाकी राज्यों में मुख्यमंत्री को लेकर संशय की स्थिति है। ऐसे में पार्टी में बगावत या विरोध ना हो और फैसला सर्वसम्मति से हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं को इस काम में लगाया गया है।
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- उत्तरप्रदेश – अमित शाह को उत्तर प्रदेश का केंद्रीय पर्यवेक्षक और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास को सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
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- उत्तराखंड – यहां राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को सह-पर्यवेक्षक बनाया गया है।
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- मणिपुर – इस प्रदेश के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगी और केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू सह-पर्यवेक्षक होंगे।
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- गोवा – यहां के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेरी मंत्री एल मुरुगन सह-पर्यवेक्षक नियुक्त हुए हैं।
बीजेपी ने इन राज्यों में दुबारा सत्ता हासिल करने में कामयाबी मिली है। यूपी में मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ को चुनौती देनेवाला कोई नहीं है, लेकिन उप-मुख्यमंत्री पद के लिए काफी खींचतान हो रही है। मीडिया सूत्रों की मानें तो पार्टी सबको संतुष्ट करने के लिए चार उपमुख्यमंत्री नियुक्त कर सकती है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गये हैं, ऐसे में वहां सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुनना बड़ी चुनौती होगी। मणिपुर में मौजूदा सीएम एन. वीरेन सिंह के खिलाफ कई नेता खड़े हो रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल गोवा का भी है। प्रमोद सावंंत को पार्टी से अंदरुनी चुनौती मिल सकती है। इसलिए इन चार राज्यों में सरकार के गठन में केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की भूमिका अहम होगी।