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मध्‍य प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में भूमि विकास की सभी अनुमति अब आयुक्त देंगे

मध्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक क्षेत्र और क्लस्टर में भूमि विकास की अनुमति के लिए निवेशकों को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब आयुक्त, उद्योग भूमि विकास से जुड़ी सभी अनुमतियां देंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय से अधिकार लेकर आयुक्त उद्योग को देने के प्रस्ताव को अनुमति दी गई।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। यहां भूमि विकास की अनुज्ञा, भूखंड को आपस में मिलाने या विभाजित करने के लिए नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय से अनुमति लेनी होती है। इसमें काफी समय लग जाता है।

इससे निवेशक परेशान होते हैं और परियोजनाओं में विलंब होता है। इसे ध्यान में रखते हुए अब भूमि विकास से जुड़ी अनुमतियां देने के अधिकार आयुक्त उद्योग को दे दिए गए हैं। वहीं, निवेश प्रोत्साहन सहायता योजना की अवधि में 31 मार्च 2023 तक के लिए वृद्धि कर दी गई है। ऐसी इकाइयां, जो प्रस्तावित निवेश का 75 प्रतिशत 20 जून 2023 तक कर लेंगे, उन्हें इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के कैंपस के लिए भूमि आवंटित

 

बैठक में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर के कैंपस की स्थापना के लिए भोपाल के बरखेड़ा बोंदर में 15 एकड़ भूमि एक रुपये वार्षिक भू-भाटक पर देने का निर्णय लिया गया। कैंपस विकसित करने का पूरा दायित्व यूनिवर्सिटी का रहेगा। वहीं, मुरैना में रुरल टेक्नोलाजी पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी गई। इसके संचालन के लिए वेतन-भत्तों और प्रशिक्षण व्यय के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये स्वीकृत किए गए।

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