आषाढ़ माह में आने वाली विनायक चतुर्थी का व्रत इस बार 03 जुलाई रविवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश की विधि विधान से पूजा की जाती है। विशेष बात तो यह है कि यह पूजा दोपहर तक संपन्न कर ली जाती है। इस व्रत में चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी व्रत के दिन दो शुभ योग बनने जा रहे हैं। रवि योग और सिद्धि योग। ये योग कार्यों में सफलता प्रदान करने वाले योग हैं।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 02 जुलाई शनिवार दोपहर 03:16 से
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन 03 जुलाई दिन रविवार शाम 05:06 तक
गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:02 से दोपहर 01:49 तक
चंद्रोदय सुबह 08:54 पर
चंद्रास्त रात 10:33 पर
रवि योग प्रातः: 05:28 से सुबह 06:30 तक
सिद्धि योग दोपहर 12:07 से पूरी रात तक
इस दिन का शुभ समय दिन में 11:57 से दोपहर 12:53 तक
विनायक चतुर्थी अशुभ समय
राहुकाल शाम 05:39 से शाम 07:23 बजे तक
राहुकाल में शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
गणेश जी की पूजा विधि
जो लोग 03 जुलाई को विनायक चतुर्थी व्रत रखने वाले हैं। वे प्रातः स्नान करके चतुर्थी व्रत और पूजन करने का संकल्प लें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में गणपति बप्पा की पूजा करें। इस दिन सबसे पहले गणेश जी को एक चौकी पर स्थापित करें। इसके बाद उनका जलाभिषेक करें। फिर उनको वस्त्र, चंदन, तिलक, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल, अक्षत, पान सुपारी, आदि अर्पित करें।
गणेश जी की पूजा में दूर्वा का उपयोग जरूर करना चाहिए। क्योंकि यह गणेश जी को अत्यंत ही प्रिय होती है। भोग के रूप में मोतीचूर के लड्डू चढ़ाएं। इसके बाद गणेश चालीसा और विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें। गणेश जी आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करेंगे।