संसद का मानसून सत्र चल रहा है और सोमवार से फिर से सदन की कार्यवाही शुरु होगी। 18 जुलाई से शुरू हुए सत्र में महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और अग्निपथ जैसे मुद्दों पर विपक्ष चर्चा की मांग को लेकर लगातार हंगामा कर रहा है। ऐसे में सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के समाप्त होने के बाद महंगाई को लेकर चर्चा कराई जा सकती है। वहीं राज्यसभा में इस मुद्दे पर मंगलवार को चर्चा शुरू हो सकती है। बता दें कि पिछले कुछ समय से विपक्ष विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव जारी है और अब तक का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहा है। हंगामे की वजह से अब तक 23 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। हंगामे के कारण दोनों सदनों की उत्पादकता में काफी कमी आई है।
क्या है एजेंडा?
लोकसभा में सोमवार को नियम 193 के तहत महंगाई पर चर्चा की जाएगी। विनायक भाऊराव राउत और मनीष तिवारी ने महंगाई को लेकर चर्चा की मांग की थी। हालांकि विपक्षी दलों ने राज्यसभा में भी कीमतें बढ़ने का मुद्दा उठाया था, लेकिन राज्यसभा के सोमवार के एजेंडे में यह शामिल नहीं है। राज्यसभा में सोमवार को दो विधेयक सूचीबद्ध हैं। इनमें से एक सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022 और दूसरा भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 शामिल है।
कितना वक्त हुआ बर्बाद?
राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है। राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों के मुताबिक, पहले दो सप्ताह के दौरान राज्यसभा के कामकाज में 21.58% की गिरावट आई है। मॉनसून सत्र के पहले सप्ताह के मुकाबले दूसरे सप्ताह में कामकाज 26.90% से गिरकर 16.49% पर पहुंच गया। अब तक हुई 10 बैठकों में राज्यसभा में 11 घंटे और आठ मिनट काम हुआ जबकि 51 घंटे और 35 मिनट का कामकाज निर्धारित था। यानी 40 घंटे और 45 मिनट हंगामा और व्यवधान में बर्बाद हो गए। अभी तक इस सत्र में एक भी विधेयक पारित नहीं कराया जा सका है। इस सत्र के पहले दो सप्ताहों में अभी तक शून्य काल के तहत कोई मामला नहीं उठाया जा सका, आठ दिन एक भी विशेष उल्लेख नहीं उठाया जा सका और छह दिन प्रश्न काल नहीं हो सका।