सर्वाइकल कैंसर के लिए देश में पहला स्वदेशी वैक्सीन बनकर तैयार हो चुका है। 1 सितंबर को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से इस स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च को लॉन्च किया जाएगा। देश में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ जंग में ये बहुत कारगर हथियार बनने जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक ये वैक्सीन पहले नौ से 14 साल की लड़कियों को दिया जा सकता है। आपको बता दें कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीका (Vaccine) बनाने के लिए अनुमति दी थी। अभी भारत विदेशों से ये टीका आयात करता है और इसकी कीमत काफी ज्यादा है।
यह स्वदेशी तौर से विकसित देश की पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन लॉन्च करने की योजना बनाई थी। इसी साल 12 जुलाई को सीरम इंस्टीट्यूट के qHPV वैक्सीन को DCGI की ओर से मार्केट ऑथराइजेशन मिला था।
क्यों जरुरी है ये वैक्सीन?
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है। इसके लिए ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) जिम्मेदार है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। ये वायरस सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में सबसे अधिक जिम्मेदार है। हाल के वर्षों में भारत में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये 15 से 44 साल की आयु की महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। अगर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय वैक्सीनेशन अभियान (Vaccination Campaign) में इस वैक्सीन को शामिल कर लिया, तो महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
देश का पहला स्वदेशी टीका सर्वाइकल कैंसर के लिए SII ने विकसित किया
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