लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई गई है. उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज एसके शशि ने यह फैसला सुनाया. लालू के वकील ने बताया कि आगे बेल के लिए अर्जी दी जाएगी. लेकिन बेल नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा.
डोरंडा कोषागार का मामला चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला था. चारा घोटाले में लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था. सीबीआई की तरफ से कहा गया था कि लालू यादव जब वित्त मंत्री, मुख्यमंत्री थे तो उनकी नाक के नीचे यह सब कुछ हुआ, यानी यह सब उनकी जानकारी में था.
लालू को पहले भी चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. इनमें फिलहाल लालू बेल पर चल रहे हैं. इनमें भी उनको हाईकोर्ट से जमानत मिली मिली थी. लोअर कोर्ट या ट्रायल कोर्ट ने उनको इसमें राहत नहीं दी थी. बाद में हाईकोर्ट में कुछ सजा काटने और हेल्थ इशू की दलील दी गई,जिसपर हाईकोर्ट ने उनको जमानत दी. लालू को यह राहत 42 महीने की सजा पूरी करने के बाद मिली थी.