रायपुर ! भगवान श्रीराम की महिमा का संगीतमयी गायन जिन श्रीरामचरित मानस के सरल दोहों से घर-घर में किया जाता है। उस ग्रंथ के रचयिता संत गोस्वामी तुलसीदास का राजधानी में एकमात्र मंदिर सरोना गांव के शिव मंदिर में स्थापित है। हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर संत तुलसीदास जयंती श्रद्धा-उल्लास से मनाई जाती है। इस बार सप्तमी तिथि गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन मंदिर में प्रतिमा का दुग्धाभिषेक करके पूजा-अर्चना की जाएगी और श्रीरामचरित मानस पाठ का गान भजन मंडली के कलाकार करेंगे।
पाठ में करते हैं संत तुलसीदास को आमंत्रित
मंदिर के पुजारी शंकर गोस्वामी ने बताया कि शिव मंदिर में संत गोस्वामी तुलसीदास की संगमरमर से निर्मित प्रतिमा की स्थापना 75 वर्ष पूर्व की गई थी। तबसे हर साल श्रावण सप्तमी पर जयंती का आयोजन किया जाता है। रामायण पाठ करने से पहले संत तुलसीदास का ध्यान कर उनसे पाठ में शामिल होने का आह्वान किया जाता है। श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता है कि श्रीरामचरित मानस पाठ में संत तुलसीदास अवश्य उपस्थित होते हैं।
गायत्री शक्तिपीठ में पाठ
समता कालोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में भी सप्तमी तिथि पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जा रहा है। श्रीरामचरित मानस पाठ के अलग-अलग कांड का अपना महत्व है। सभी कांड में हमें कुछ न कुछ सीखने और अपने हृदय के अंदर उतारने का संदेश मिलता है। श्रद्धालुओं में श्रीरामचरित मानस का पाठ करने के प्रति रुचि जागे इसलिए संगीतमय पाठ का आयोजन किया जा रहा है। पाठ के दौरान संत तुलसीदास के योगदान का स्मरण किया जाएगा।
तुलसीदासजी की एकमात्र प्रतिमा है रायपुर के शिव मंदिर में
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